द्वारका क्षेत्र में खोज के दौरान समुद्र की गहराई में एक पर्वत मिला था। यह कोई साधारण पर्वत नहीं था बल्कि समुद्र मंथन के दौरान इस्तेमाल किए गए शिखर का एक हिस्सा था। सन् 1963 में पुरातत्व विभाग को यह समुद्र से 80 फीट नीचे मिला था। कहा जाता है कि सन् 1983 में समुद्र की गहराई में जाकर भगवान कृष्ण के मंदिर के साथ एक पूरा शहर मिला था, जो भगवान कृष्ण की द्वारका नगरी थी |
सन् 1983 से सन् 1990 के बीच 5 साल तक अंडरवाटर आर्कियोलॉजिस्ट डॉ. एसआर राव और उनकी टीम इस मिशन को पूरा करने के लिए आई थी। कई दिनों तक पानी के अंदर खोज करने के बाद उन्हें एक अद्भुत अंडरवाटर शहर के अवशेष मिले। शहर द्वारका प्राचीन ग्रंथ इसे भगवान कृष्ण का स्वर्णिम साम्राज्य बताते हैं जहां 70000 महल सोने और रतन से जुड़े हुए थे | उसे शहर की मजबूत नीम की दीवारों के साथ-साथ कई पत्थर भी बनाने पड़े थी |
पानी के नीचे जमीन के स्तर से कई बार मिलने वाली पर्वतमालाएं भगवान कृष्ण की द्वारका नगरी थी, जो श्री कृष्ण के प्राण त्यागते ही समुद्र में डूब गई थी।
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