ऑपरेशन सिंदूर: भारत की संस्कृति, संवेदनशीलता और सशक्त जवाब का प्रतीक
"ऑपरेशन सिंदूर"—इस नाम में सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई की गूंज नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, नारी सम्मान, और आत्मसम्मान की गहराई छुपी है। यह नाम ऐसे ही नहीं चुना गया; इसके पीछे एक गहरा और भावनात्मक संदेश है, जो आतंकवादियों को करारा जवाब देने के साथ-साथ हर उस महिला को श्रद्धांजलि है, जिसका सुहाग उनसे छीन लिया गया।
सिंदूर का सांस्कृतिक महत्व:
भारतीय संस्कृति में सिंदूर केवल एक श्रृंगार का प्रतीक नहीं है, यह नारी के सुहाग, उसकी आस्था और उसके जीवनसाथी के प्रति अटूट विश्वास का चिन्ह होता है। जब किसी महिला के माथे से सिंदूर छिनता है, तो उसके जीवन में एक ऐसा खालीपन आ जाता है जो शब्दों से नहीं भरा जा सकता।
पहलगाम की त्रासदी और आतंक का चेहरा:
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में जब निर्दोष नागरिकों की जानें गईं, तो कई महिलाएं विधवा हो गईं। इन आतंकियों ने न सिर्फ इंसानों की जान ली, बल्कि उन महिलाओं के माथे से सिंदूर छीनकर उन्हें एक गहरी मानसिक पीड़ा भी दी। उन्हें जिंदा छोड़कर यह एहसास कराया गया कि उनका सुहाग छिन गया है।
ऑपरेशन सिंदूर: एक सशक्त उत्तर:
भारत सरकार और भारतीय सेना ने इस दर्द को सिर्फ आँसुओं में नहीं बहने दिया। उन्होंने इस सैन्य कार्रवाई को "ऑपरेशन सिंदूर" का नाम दिया—यह दिखाने के लिए कि यह जवाब केवल गोलियों का नहीं है, बल्कि हर उस महिला की पीड़ा का उत्तर है, जिसके जीवन में आतंक ने अंधकार फैला दिया।
श्रद्धांजलि और प्रतिशोध का संतुलन:
ऑपरेशन सिंदूर, उन सभी विधवाओं के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है, जिनका सुहाग आतंकवादियों ने छीन लिया। यह उनके बच्चों की आँखों से बहते आँसुओं का जवाब है। यह नाम पूरी दुनिया को बताता है कि भारत अपने नागरिकों की रक्षा के लिए कितना संवेदनशील और संकल्पबद्ध है।
निष्कर्ष:
ऑपरेशन सिंदूर, भारत की सांस्कृतिक गहराई, उसकी संवेदनशीलता और आतंकवाद के विरुद्ध उसकी अटल प्रतिबद्धता का जीवंत प्रमाण है। यह न सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई है, बल्कि भारतीय समाज की उस आत्मा की पुकार है, जो अपने हर नागरिक के सम्मान की रक्षा करना जानता है।
BY: www.samachar4you.in




.jpeg)